कार्यशील पूंजी को परिभाषित करें?

कार्यशील पूंजी यानी बिजनेस के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली धनराशि। कार्यशील पूंजी की गणना तय फ़ॉर्मूले के तहत की जाती है। कार्यशील पूंजी को इंग्लिश में वर्किंग कैपिटल कहा जाता है। वर्किंग कैपिटल की गणना बिजनेस में हुई इनकम में से देनदारियों को घटाकर की जाती है।

किसी भी बिजनेस को कार्यशील यानी सतत तरीके से चलाने के लिए कई तरह की पूंजी चाहिए होता है। सभी पूंजियों का आवंटन अलग – अलग तरीके से किया जाता है। जिस प्रकार एक बार एकमुश्त रकम लगाकर कोई वाहन खरीद लिए जाता है लेकिन उस वाहन को लगातार चलाने के लिए डीजल या पेट्रोल की आवश्यकता होती है।

उसी प्रकार बिजनेस को स्टार्ट करने के बाद अलग – अलग तरह के धन की आवश्यकता होती है। इन्हीं आवश्यकताओं में कार्यशील पूंजी सबसे महत्वपूर्ण धन होता है। बिजनेस में कार्यशील पूंजी नहीं होती है या कम होती है, उन बिजनेस के मालिकों को चाहिए कि वर्किंग कैपिटल लोन लेकर अपना बिजनेस का संचालन सतत गति से करें।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि देश की प्रमुख एनबीएफसी ZipLoan द्वारा एमएसएमई कारोबारियों को 7.5 लाख रुपये तक का वर्किंग कैपिटल लोन सिर्फ 3 दिन* में प्रदान किया जाता है। आइये यह समझते हैं कि कार्यशील पूंजी की आवश्यकता की गणना कैसे की जाती है।

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कार्यशील पूंजी की आवश्यकता की गणना कैसे करें?

बिजनेस के वर्किंग कैपिटल कैलकुलेट करने के लिए वर्किंग कैपिटल सूत्र का उपयोग किया जाता है। वर्किंग कैपिटल सूत्र है: वर्तमान में उपलब्ध धन – वर्तमान बकाया = कार्यशील पूंजी। मतलब बिजनेस में वर्तमान में धन धन उपलब्ध होता है, उससे बिजनेस की वर्तमान देनदारियों को घटाया जाता है। जो धन बचता है, वही
बिजनेस का कार्यशील पूंजी कहलाता है।

जहां तक बिजनेस के कार्यशील पूंजी की आवश्यकता की गणना करना होता है तो उसके लिए बिजनेस के विभिन्न खर्चों को ध्यान में रखा जाता है। किसी भी बिजनेस/कंपनी के कार्यशील की आवश्यकता की गणना निम्न पहलुओं को ध्यान में रखकर की जाती है।

  • बिजनेस/कंपनी के पास मौजूदा नकदी धन
  • बिजनेस/कंपनी के पास उपलब्ध मौजूदा स्टॉक और इन्वेंटरी
  • बिजनेस के जरूरत के लिए खरीदे गये उपकरण का बकाया
  • किसी उपकरण या कच्चे माल के लिए एडवांस में किया गया भुगतान

इसके अतिरिक्त बिजनेस में जो बकाया/देनदारियां होती हैं उन्हें भी कार्यशील पूंजी की आवश्यकता म गिना जाता है। जैसे:

  • उधारी चुकाने में लगने वाला धन
  • अन्य रोजाना के खर्चे
  • चाय पानी इत्यादि में खर्च होने वाला धन

जानिए वर्किंग कैपिटल कैसे काम करता है?

कोई भी बिजनेस हो, वह चाहें बड़ा हो या छोटा उसको चलाने के लिए वर्किंग कैपिटल के रुप कुछ रकम रखी जाती है। इस रकम को सिर्फ उन्हीं खर्चों को पूरा करने के लिए खर्च किया जाता है जिसकी जरूरत तत्काल होती है। तत्काल जरूरतों को पूरा करने वाली रकम को वर्किंग कैपिटल कहते हैं।

कार्यशील पूंजी को एक उदाहरण के रुप में समझते हैं। माना एक बिजनेस है। उस बिजनेस में कुल 20 लोग काम करते हैं। इन 20 लोगों की बैठने के लिए जगह चाहिए है। जगह किराये पर ली जाती है। जो जगह किराये पर ली जाने वाली उस जगह पर बिजली – पानी की भी व्यवस्था करना होता है।

कर्मचारियों को सुबह और शाम को चाय – नाश्ता देना होता है। इस तरह के सभी कार्यों को करने में धन की आवश्यकता होती है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए जो धन खर्च किया जाता है वह वर्किंग कैपिटल कहलाता है।

कुछ बिजनेस में यह वर्किंग कैपिटल की धनराशी पहले से ही निश्चित करके सुरक्षित कर दी जाती है। जिस बिजनेस में वर्किंग कैपिटल के रुप में धनराशी पहले सुरक्षित करने का फण्ड नही होता है उन कारोबारियों को Working Capital Loan लेना बेहतर साबित होता है।

वर्किंग कैपिटल की जरूरत क्यों है?

बिजनेस का सफल संचालन करने के लिए दो तरह के धन यानी रकम की जरूरत पड़ती है।

  • बिजनेस का विस्तार करने के लिए धन की जरूरत
  • कारोबार का सफल संचालन करने के लिए धन की जरूरत

बिजनेस का विस्तार करने में खर्च होने वाले धन को बिजनेस की बिजनेस कास्ट कहते हैं। इसके लिए बड़ी धनराशी की जरूरत पड़ती है। बिजनेस का विस्तार होने का मतलब होता है कि बिजनेस बड़ा हो रहा है। मार्केट में उसकी स्थिति मजबूत बनती है।

बिजनेस में खर्च होने वाली दूसरी धनराशी होती है: वर्किंग कैपिटल यानी कार्यशील पूंजी। इस धनराशी का उपयोग बिजनेस को चलाने के लिए यानी सफल संचालन के लिए किया जाता है। कारोबर में दैनिक खर्च होने वाली रकम को को पूरा करने के लिए जिस रकम का इस्तेमाल किया जाता है उसे वर्किंग कैपिटल कहते हैं।

इसे कार्यशील पूंजी यानी वर्किंग कैपिटल भी कहते हैं। कारोबार में वर्किंग कैपिटल की जरूरत इसी बात से समझा जा सकती है कि वर्किंग कैपिटल का इंतजाम न करने की वजह से कई स्टार्ट – अप बिजनेस बंद होने हो चुके हैं।

वर्किंग कैपिटल धनराशी का उपयोग बिजनेस की जगह का किराया देने में, पानी बिजली की बिल भरने में, कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए और कर्मचारियों के लिए चाय – नाश्ता इत्यादि का इंतजाम करने के लिए किया जाता है। हम कार्यशील पूंजी को कारोबारियों के लिए एक बेहतरीन कैश असिस्टेंट भी कह सकते हैं।

ZipLoan से प्राप्त करिये वर्किंग कैपिटल 7.5 लाख रुपये तक का लोन

देश की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी – एनबीएफसी ZipLoan द्वारा कारोबारियों को 1 से 7.5 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन सिर्फ 3 दिन* में दिया जाता है। ZipLoan द्वार कारोबारियों को कार्यशील पूंजी ऋण 2 साल तक के लिए दिया जाता है। अगर इस बीच कारोबारी के पास पैसा आ जाता है तो वह जब चाहें तब कीं की रकम वापस कर सकता हो वो भी 6 महीने बाद प्री पेमेंट चार्जेस फ्री।

ZipLoan से वर्किंग कैपिटल लोन प्राप्त करने की पात्रता क्या है?

  • बिजनेस 2 साल से अधिक पुराना होना चाहिए।
  • बिजनेस का सालना टर्नओवर 10 लाख रुपये से अधिक होना चाहिए।
  • पिछले साल फाइल की गई आईटीआर डेढ़ लाख रुपये से अधिक की होना चाहिए।
  • घर या बिजनेस की जगह में से कोई एक खुद के नाम पर होना चाहिए (यह खुद के नाम पर, माता-पिता, पति-पत्नी, भाई-बहन, पुत्र-पुत्री के नाम पर हो, तो भी मान्य किया जाता है।)

ZipLoan से वर्किंग कैपिटल लोन के लिए जरूरी कागजी दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • पिछले 9 महीने की बैंक स्टेटमेंट (चालू बैंक खाता/करेंट बैंक अकाउंट)
  • घर या बिजनेस में से किसी एक के मालिकाना हक का प्रूफ (यह खुद के नाम पर, माता-पिता, पति-पत्नी, भाई-बहन, पुत्र-पुत्री के नाम पर हो, तो भी मान्य किया जाता है।)

बुनियादी समस्याओं का हल

राम यादव

मैं बारह वर्षों से अपना कारोबार चला रहा हूं लेकिन अपने बिजनेस का विस्तार करने के लिए सक्षम नहीं था। मैंने Ziploan में आवेदन किया और उन्होंने मेरे लोन आवेदन को बहुत ही कम समय में मंजूरी दे दी।

कंचन लता

मैंने अपने कारोबार की ज़रूरतों के लिए ZipLoan से संपर्क किया। कंपनी से लोन पाने की शर्तें पूरा करना आसान था। उन्हें सिर्फ 1 साल का ITR और बिजनेस का सालाना टर्नओवर 10 लाख तक की जरूरत थी।

क्या आप भी ZipLoan के मदद से अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए तैयार हैं?