बैलेंस शीट की जरूरत नहीं है
6 EMI का भुगतान करने के बाद
रकम आपके बैंक खाते में
सिबिल स्कोर, इसे क्रेडिट स्कोर भी कहा जाता है। यह तीन अंको की एक संख्या होती है। सिबिल स्कोर की अधिकतम सीमा 900 होती है और न्यूनतम सीमा 300 होती है। इन्हीं तीन अंको की संख्या के हिसाब से यह तय होता है कि आवेदन करने वाले को बिजनेस लोन मिलेगा या नहीं मिलेगा। अगर बेहतर सिबिल स्कोर की बात करें तो 800 से 900 के बीच सिबिल स्कोर यानी क्रेडिट स्कोर को बेहतरीन सिबिल स्कोर माना जाता है।
बैंक जैसी संस्थाओं से उन आवदेनकर्ताओं को लोन देने पर कम विचार किया जाता है, जिनका क्रेडिट स्कोर 600 से कम होता है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि उन लोगों को लोन ही नहीं दिया जाता है। उन लोगों को भी लोन मिलता है। लेकिन, ब्याज की दरें मार्केट रेट की अपेक्षा अधिक लागू हो जाती हैं। एक फैक्ट यह भी है कि क्रेडिट स्कोर से किसी व्यक्ति की वित्तिय साख का पता चलता है। इसे फाइनेंशियल प्रोफाइल का आईना भी कह सकते हैं। इससे यह पता लगता है कि अमुख व्यक्ति ने अपने पिछले लोन का भुगतान किस प्रकार से किया है। सभी लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान के रिपेमेंट के रवैया को ध्यान में रखकर क्रेडिट रिपोर्ट तैयार की जाती है।
क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करने का कार्य सिबिल नामक कंपनी करती है। सिबिल कंपनी का पूरा नाम सिबिल या ट्रांसयूनियन सिबिल ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (Credit Information Bureau (India) Limited) है। सिबिल कंपनी का कार्य लोगों की वित्तिय साख की जांच करना है। सिबिल कंपनी भारत की सबसे पुरानी और सबसे विश्वसनीय क्रेडिट सूचना कंपनी (CIC) है। इसके अलावा देश में चार और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां हैं, जिनका नाम क्रमशः है- CRISIL, ICRA, CARE, ONICRA.
सिबिल कंपनी के अलावा बैंकिंग सर्विसेज एग्रीगेटरों की वेबसाइट पर भी क्रेडिट स्कोर की जांच की जा सकती है। आपको जानकारी होना चाहिए कि सिबिल की वेबसाइट पर अपना क्रेडिट स्कोर चेक करने की सुविधा मुफ्त में मिलती है, लेकिन यह सीमित होती है। वहीं सब्सक्रिप्शन प्लान लेकर जब आप सिबिल स्कोर चेक करते हैं तो आपको विस्तृत क्रेडिट रिपोर्ट मिलता है।
बहुत बार ऐसा होता है कि व्यक्ति के पास खर्च बढ़ जाता है और इनकम सीमित ही होती है। ऐसे में न चाहते हुए भी लोन की ईएमआई और क्रेडिट कार्ड की बिल का भुगतान समय पर नहीं हो पाता है। जिसके वजह से सिबिल स्कोर प्रभावित होता है। आपको कुछ ऐसे उपाय बताते हैं, जिनसे सिबिल स्कोर ठीक करने में मदद मिलेगी-
अगर सिबिल स्कोर कम है या अधिक खराब है तो भी ऐसा नहीं है कि कारोबारी को बिजनेस लोन नहीं मिल सकता है। बिल्कुल मिल सकता है। कम सिबिल स्कोर वाले कारोबारियों को शार्ट टर्म बिजनेस लोन लेकर अपना क्रेडिट रिपोर्ट ठीक कर लेना चाहिए। कम क्रेडिट स्कोर के साथ सरकारी बैंको में लोन के लिए आवेदन करने से बचना चाहिए। क्योंकि, बैंक सीधे – सीधे सिबिल स्कोर पर ही यह तय करते हैं कि लोन मिलेगा या नहीं मिलेगा। तो वहां जाने से बचना चाहिए। कम सिबिल स्कोर वाले कारोबारियों को निम्न फाइनेंशियल संस्थाओं से बिजनेस लोन मिल सकता है-
इत्यादि, से कम क्रेडिट स्कोर के साथ बिजनेस लोन मिल सकता है। इस वित्तिय संस्थाओं द्वारा बिजनेस लोन देने का निर्णय सिर्फ सिबिल स्कोर पर ही नहीं, बल्कि कारोबार के कंडीशन और बिजनेस के सालाना टर्नओवर के आधार पर भी तय होता है। इन सब से एनबीएफसी से बिजनेस लोन प्राप्त करना सबसे आसान होता है।
फिनटेक सेक्टर का जबसे उभार हुआ है, तब से अनसेक्योर्ड लोन की कैटेगरी में एनबीएफसी बहुत तेजी से आगे बढ़े हैं। अगर किसी कारोबारी का सिबिल स्कोर कम भी है तो उसे एनबीएफसी से बिजनेस लोन मिलता है। क्योंकि, एनबीएफसी द्वारा बिजनेस के सालाना टर्नओवर के आधार पर बिजनेस लोन की पात्रता तय होती है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि देश की प्रमुख एनबीएफसी ZipLoan से 7.5 लाख तक का बिजनेस लोन, सिर्फ 3 दिन* में मिलता है।