कोलैटरल लोन कहाँ मिलता है?
भारत में लोन बांटने का अधिकार सरकारी – प्राइवेट बैंकों के साथ कई वित्तीय कंपनियों को प्रदान किया गया है। ऐसे में कोलैटरल लोन कहाँ मिलता है? प्रश्न का उत्तर है कि कोलैटरल लोन सभी सरकारी – प्राइवेट बैंक के साथ रिजर्ब बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) से पंजीकृत वित्तीय कंपनियों और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज (एनबीएफसीज) इत्यादि के यहां से कोलैटरल लोन मिलता है। चूंकि लोन का यह प्रकार सिक्योर्ड लोन होता है, इसलिए बैंकों और वित्तीय कंपनियों द्वारा कोलैटरल लोन की मंजूरी बहुत आसानी से मिलती है।
कैसे लिया जाता है कोलैटरल लोन?
जैसा कि, ऊपर बताया गया है कि लोन का यह प्रकार सुरक्षित लोन की कैटेगरी में आता है, इसलिए बैंको के साथ ही सभी वित्तीय कम्पनियां कोलैटरल लोन बहुत आसानी से प्रदान करती हैं। वैसे सभी लोन की तरह ही कोलैटरल लोन की भी प्रक्रिया होती है। मतलब किसी को कोलैटरल लोन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम पात्रता पूरा करना होता है और जरूरी सभी कागजात जमा करना ही होता है। इसके बाद ही कोलैटरल लोन मिलता है। जानिए क्या होती है कोलैटरल लोन की पात्रता:
कोलैटरल लोन की पात्रता
- आवेदनकर्ता भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- आवेदनकर्ता की उम्र 18 से वर्ष से अधिक और 62 वर्ष से कम होना चाहिए।
- आवेदनकर्ता के नाम ऐसी कोई प्रॉपर्टी होना चाहिए, जिसपर लोन दिया जा सके।
- कोलैटरल के तौर पर मकान, अनुपजाऊ जमीन, कार, दुकान सोने के आभूषण, फिक्स डिपॉजिट, सेविंग अकाउंट में जमा धन, कोई पॉलिसी बांड इत्यादि भी रखा जाता है।
- आवेदनकर्ता पहले से वित्तीय डिफाल्टर नहीं होना चाहिए।
कोलैटरल लोन लेने के लिए निम्नलिखित कागजात चाहिए होता है:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड पिछले 1 साल का बैंक स्टेटमेंट
- व्यक्ति अगर सैलरी पर्सन है तो पिछले 6 महीने की सैलरी स्लिप और 2 साल का फॉर्म 16.
- जिस प्रॉपर्टी पर लोन लिया जाना है, उस प्रॉपर्टी का पेपर बैंक को सौपना होगा
- इसके अतिरक्त बैंक या फाइनेंशियल कंपनी द्वारा लोन के लिए मांगे कागजी दस्तावेज देना होता है।
कोलैटरल लोन की ब्याज दर कितना होती है?
चूंकि कोलैटरल लोन सिक्योर्ड कैटेगरी का होता है और इस लोन की वापसी न होने की दशा में गिरवी रखी गईप्रॉपर्टी को बेचकर लोन की रकम का वापसी कराना सुनिश्चित होता है। इसलिए, कोलैटरल लोन की ब्याज दर कोलैटरल लोन फ्री लोन की ब्याज दर के अपेक्षा कम होती है। कोलैटरल लोन की ब्याज दर कम होने के साथ – साथ अधिक अवधि के लिए मिलता है। मतलब कोलैटरल लोन को चुकाने के लिए अधिक समस मिलता है।
जहां तक कोलैटरल लोन की ब्याज दर की बात है तो ब्याज दर सभी बैंक और एनबीएफसी की अलग – अलग होती है। इसलिए कोलैटरल लोन लेने से पहले संबंधित बैंक या वित्तीय संस्था से ब्याज दर के संबंध में जानकारी प्राप्त कर लेना आवश्यक होता है। सामान्य तौर पर कोलैटरल लोन की ब्याज दर 6% से शुरु होती है और 18% तक जाती है। तत्कालीन ब्याज दर के लिए संबंधित बैंक या कंपनी से जानकारी प्राप्त कर लेना जरूरी है।
ZipLoan से मिलता है बिजनेस बढ़ाने के लिए बिजनेस लोन, सिर्फ 3 दिन* में
देश की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) ZipLoan द्वारा छोटे और मध्यम कारोबारियों को बिजनेस बढ़ाने के लिए 7.5 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन, बिना कुछ गिरवी रखे, सिर्फ 3 दिन* में प्रदान किया जाता है। ZipLoan से बिजनेस लोन प्राप्त करने के लिए निम्नलिखत पात्रता है:
- बिजनेस दो साल से अधिक पुराना होना चाहिए।
- कारोबार का सालाना टर्नओवर 10 लाख रुपये से अधिक होना चाहिए।
- बिजनेस के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल होना चाहिए। पिछले वित्तीय वर्ष में डेढ़ लाख रुपये से अधिक की आईटीआर फाइल होना चाहिए।
- घर या बिजनेस की जगह में से कोई एक खुद कारोबारी के नाम पर या कारोबारी के किसी ब्लड रिलेटिव के नाम पर होना चाहिए।
ZipLoan से बिना कुछ गिरवी रखे बिजनेस लोन पाने के लिए निम्नलिखित कागजातों को जमा करना होता है:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पिछले 12 महीने की बैंक स्टेटमेंट (बैंक स्टेटमेंट करेंट बैंक अकाउंट की होना चाहिए)
- पिछले वित्तीय वर्ष में फाइल की गई आईटीआर की कॉपी
- घर या बिजनेस की जगह में से किसी एक का मालिकाना हक का प्रूफ। मालिकाना हक का प्रूफ खुद के कारोबारी के नाम पर हो या कारोबारी के किसी ब्लड रिलेटिव के नाम पर हो तो भी मान्य किया जाता है।
ZipLoan से बिजनेस लोन प्राप्त करने से निम्नलिखत फायदे होते हैं
- बिजनेस लोन की रकम सिर्फ 3 दिन* में प्राप्त हो जाती है।
- लोन के लिए कोई प्रॉपर्टी गिरवी नहीं रखना होता है।
- बिजनेस लोन 6 महीने बाद प्री पेमेंट चार्जेस फ्री होता है।
- 9 ईएमआई का भुगतान ठीक समय पर करने वाले ग्राहकों के लिए टॉप-अप लोन की सुविधा भी उपलब्ध है।