प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMMVY in Hindi)
भारत की कुल जनसँख्या एक सौ तीस करोड़ से अधिक है। जनसँख्या का यह आंकड़ा भारतीय जनगणना 2011 के अनुसार है। जनसँख्या में मामले भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा देश है।
अब इतनी बड़ी जनसँख्या वाले देश में रोजगार की स्थिति पर बात करें तो लगभग तिहाई जनसँख्या बेरोजगार है। देश में बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण यहां रोजगारपरक शिक्षा/प्रशिक्षण की कमी का होना है।
ऐसे में क्या यह मानकर नही चल सकते हैं कि यह स्थिति हमेशा ऐसी ही रहने वाली है। बेरोजगारी की स्थिति को बदलने के लिए केन्द्र सरकार काफी सचेत है।
केन्द्र में 2014 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। प्रधानमंत्री बने श्री नरेंद्र मोदी जी। नरेंद्र मोदी जी का सरकार गठन की शुरुवात से इस बात पर जोर था कि देश में अधिक से अधिक संख्या में स्वरोजगार हो।
स्वरोजगार के पीछे यह कारण है कि जब देश के युवा स्वरोजगार अपनाएंगे तब वह खुद से खुद को रोजगार/नौकरी दे सकते हैं और अपना जीवनयापन कर सकते हैं। केन्द्र सरकार द्वारा युवाओं को स्वरोजगार के प्रोत्साहित करने के लिए मुद्रा लोन योजना और स्टैंड अप इंडिया लोन योजना जैसे सरकारी लोन योजना भी शुरु की गई है।
स्वरोजगार या रोजगार के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग यानी व्यवसायिक प्रशिक्षण की जरूरत को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना शरू की गई है। आपको बता दें कि कौशल विकास योजना में युवाओं को रोजगारपरक कोर्सों की ट्रेनिंग दी जाती है।
देश के युवाओं को कौशल विकास योजना की तहत वोकेशनल ट्रेनिंग देकर उनको On Job Training - ओजीटी प्रोग्राम में भेजा जाता है। ओजीटी के तहत उन्हें इस सिक्वेंस में जॉब ट्रेनिंग दी जाती है:
- शार्ट टर्म ट्रेनिंग
- स्पेशल प्रोजेक्ट
- कौशल और रोजगार मेला
- प्लेसमेंट सहायता
- निरंतर जाँच
- स्टैण्डर्डटाईज एंड कम्युनिकेशन
इस तरह कौशल विकास सेंटर – (PMMVY in Hindi) में पंजीकरण कराने वाले युवाओं को एक समान्य युवा से किसी एक खास रोजगारपरक ट्रेनिंग में ट्रेंड किया जाता है। वोकेशनल ट्रेनिंग प्राप्त युवा को नौकरी मिलने में आसानी हो जाती है। आइये समझते हैं कि कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र - प्रधानमंत्री कौशल विकास सेंटर में पंजीकरण यानी रजिस्ट्रेशन कैसे होता है।