बिज़नेस फाइनेंस अर्थ और परिभाषा
एक परिवार में बहुत सारे लोग रहते हैं। सभी लोगों का अलग – अलग खर्च होता है। कई पारिवारिक सदस्य कमाने वाले होते हैं तो कई सदस्य कमाने वाले होते हैं। लेकिन पैसा खर्च दोनों ही तरह के लोगों पर होता है। मतलब कमाने वाले और न कमाने वाले पारिवारिक सदस्य दोनों पर पैसा धन खर्च होता है। हां यह बात अलग है कि किसी सदस्य पर कुछ धन खर्च होता है तो किसी सदस्य पर थोड़ा कम। कुछ खर्च कॉमन भी होता है। जो खर्च कॉमन होता है, उसे ही परिवार का खर्च कहते हैं। बाकी जो अलग – अलग खर्च होता है उसे सभी का अपना – अपना खर्च कहते हैं।
ठीक इसी प्रकार बिजनेस में भी धन का खर्च होता है। किसी भी बिजनेस को सतत गति से चलाने के लिए कई मद में धन की आवश्यकता होती है। विभिन्न मद से आय भी प्राप्त होती है। लेकिन बिजनेस को चलाने के लिए यानी स्टार्ट करने के लिए धन लगता है उसे हम बिजनेस फाइनेंस के नाम से जानते हैं। और जो सभी सोत्र से इनकम जेनरेट होती है, उसे बिजनेस के टर्नओवर के तौर पर जाना जाता है।
इसके अतिरिक्त बिजनेस को सतत गति से चलाने के लिए जो विभिन्न मद में धन की आवश्यकता होती है, उन मद को वर्किंग कैपिटल, ट्रांसपोर्ट खर्च, कच्चे माल की खरीद में लगने वाला धन इत्यादि के नाम से जाना जाता है। इसी के साथ बता दें कि जब बिजनेस में वर्किंग कैपिटल या अन्य खर्च कम होने लगे तो बिजनेस लोन बेहिचिक ले लेना चाहिए।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि देश की प्रमुख एनबीएफसी ZipLoan से 7.5 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन, बिना कुछ गिरवी रखे, सिर्फ 3 दिन* में प्रदान किया जाता है। आइये बिजनेस फाइनेंस का अर्थ और परिभाषा के बारें में विस्तार से समझते हैं।