डॉक्टरों के लिए बिजनेस लोन
डॉक्टरी का पेशा एक ऐसा पेशा है जिसे भगवान के बाद का दर्जा दिया जाता है। डॉक्टर लोगों का ईलाज करके उन्हें स्वस्थ करते हैं। लोग उन्हें दुआएं देते हैं। किसी भी देश में मेडिकल प्रोफेशनल्स को सम्मान की नजरों से देखा जाता है।
भारत के संबंध में बात करें तो एक सौ तीस करोड़ से अधिक जनसँख्या वाले अपने देश में कुशल डॉक्टरों की बहुत अधिक मांग है। सिर्फ डॉक्टरों की नहीं बल्कि मेडिकल सुविधाओं की भी बहुत अधिक जरूरत है।
भारत में मेडिकल की पढ़ाई सबसे लंबी पढ़ाई मानी जाती है। एक मेडिकल स्नातक होने में 5 साल का समय लग जाता है। क्योंकि एमबीबीएस की डिग्री 5 साल में कम्पलीट होती है। यह भी एक तथ्य है कि मेडिकल की सीटे अपेक्षाकृत बेहद कम हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 11 हजार लोगों पर एक डॉक्टर की तैनाती है। यानी प्रति 11 हजार व्यक्ति 1 डॉक्टर हैं। इस लिहाज से देखा जाये तो लोग अपना ईलाज कैसे कराते होने यह मुश्किल भरा सवाल है।
डब्लूएचओ के तय मानकों के अनुसार 1 हजार लोगों पर 1 डॉक्टर तैनात होना चाहिए। यानी प्रति हजार 1 डॉक्टर होना चाहिए जबकि वर्तमान में 10 हजार लोगों पर 1 डॉक्टर तैनात है। ऐसे देखा जाये तो डॉक्टर अगर अस्पताल चलाते हैं तो उनका बिजनेस हमेशा प्रॉफिट में बना रहेगा।
बहुत से ऐसे एमबीबीएस स्नातक हैं जिन्होंने डिग्री कम्पलीट करने के बाद नौकरी करने के बजाय खुद का अस्पताल खोलना पसंद किया। ऐसा बहुत से मेडिकल स्नातक करते हैं और सोचते हैं। कभी – कभी ऐसा होता है कि अस्पताल खोलने के बाद पैसों की दिक्कत होने लगती है।
ऐसे में डॉक्टर को अपना फैसला सही नहीं लगता क्योंकि उनके यहां जरूरी मेडिकल उपकरण, कम्प्यूटर इत्यादि उपकरणों की कमी हो जाती है। ऐसे में डॉक्टर्स को क्या करना चाहिए? जाहिर से बात है कि वह अपना अस्पताल बंद तो नहीं कर सकता है। उनकों पैसों का इंतजाम करना ही होता है।
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