मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के तहत कंपनी
उद्योग अधिनियम 1951 में प्रस्तुत सूची में आने वाले एटरप्राइस जहां पर नई चीजों को बनाने यानी निर्माण करने का कार्य किया जाता है। इसके अतिरिक्त एमएसएमई परिभाषा में आने वाले मैनुफैक्चरिंग फैक्ट्रियां भी शामिल हैं।
इसके अलावा, वह एंटरप्राइज जहां पर मशीनरी लगी हो, प्लांट लगे हो, जिससे प्रोडक्ट तैयार किया जाता हो या प्रोडक्ट का कोई एक भाग तैयार किया जाता हो, वह भी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के तहत आता है।
सालाना टर्नओनर के आधार पर एंटरप्राइज का सह वर्गीकरण कुछ इस प्रकार से किया गया है।
सूक्ष्म उद्योग | लघु उद्योग | मध्यम उद्योग |
वह कंपनीज जिसमें 1 करोड़ से अधिक इंवेस्टमेंट नहीं किया गया हो और जिसका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ तक हो। | वह कंपनीज जिसमें 10 करोड़ से अधिक इंवेस्टमेंट नहीं किया गया हो और जिसका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ से अधिक न हो। | वह कंपनीज जिसमें 50 करोड़ से अधिक इंवेस्टमेंट नहीं किया गया हो और जिसका सालाना टर्नओवर 250 करोड़ से अधिक न हो। |
सर्विस सेक्टर की कंपनीज
सर्विस सेक्टर में मुख्य रुप से सेवा प्रदान करने का कार्य किया जाता है। इसे सेवा क्षेत्र के रुप में भी जाना जाता है। इस सेक्टर में लोगों को और विभिन्न संस्थाओं को सर्विस देने का काम होता है। सर्विस सेक्टर में सालाना टर्नओवर के अनुसार वर्गीकरण कुछ इस प्रकार से किया गया है।
सूक्ष्म उद्योग | लघु उद्योग | मध्यम उद्योग |
वह कंपनीज जिसमें 1 करोड़ से अधिक इंवेस्टमेंट नहीं किया गया हो और जिसका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक न हो। | वह कंपनीज जिसमें 10 करोड़ से अधिक इंवेस्टमेंट नहीं किया गया हो और जिसका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ तक हो। | वह कंपनीज जिसमें 50 करोड़ से अधिक इंवेस्टमेंट नहीं किया गया हो और जिसका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ से 250 करोड़ के बीच का हो। |
एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया गया
भारत सरकार द्वारा एमएसएमई बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई एक्ट 2006 की परिभाषा में बदलाव किया गया। यह बदलाव जुलाई 2020 से प्रभाव में लागू किया गया।
नई परिभाषा के अनुसार एमएसएमई को सालाना टर्नओवर और निवेश की गई राशि के अनुसार पहचाने जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। नई परिभाषा में एमएसएमई बिजनेस में निवेश राशि के अलावा प्लांट, मशीनरी, उपकरण के ऊपर किया गया खर्च भी शामिल किया गया। यह परिभाषा मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर पर लागू होती है।
सूक्ष्म उद्योग | लघु उद्योग | मध्यम उद्योग |
वह उद्योग जिसमें कुल निवेश 1 करोड़ से अधिक न हो और जिसका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक न हो। | वह उद्योग या कंपनी जिसमें कुल निवेश 10 करोड़ से अधिक न हो और जिसका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से 50 करोड़ के मध्य हो। | वह उद्योग जिसका सालाना टर्नओवर 250 करोड़ तक को और जिसमें निवेश 50 करोड़ तक किया गया हो। |