सब्सिडी का प्रकार
सब्सिडी सिर्फ होम लोन, बिजनेस लोन और उपकरण की खरीद तक ही सिमित नहीं है। बल्कि इसके अलावा भी बहुत से सेक्टर में सब्सिडी प्रदान की जाती है। सब्सिडी का प्रकार निम्निलिखित है-
- ब्याज सब्सिडी
- किसानों के लिए सब्सिडी
- फ़ूड सब्सिडी
- तेल/ईंधन/ पेट्रोलियम सब्सिडी
- कर सब्सिडी
- धार्मिक सब्सिडी
ब्याज सब्सिडी
सब्सिडी का यह प्रकार लोन से संबंधित है। एमएसएमई कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा तमाम योजनाओं का संचालन किया जाता है। इन योजनाओं में कारोबारियों को बिजनेस लोन सुविधा प्रदान की जाती है। चूंकि लोन पर ब्याज लागू होता है तो लोन की मूल राशि बढ़ जाती है। तो सरकार यह ऑफर देती है कि सब्सिडी के तौर पर बिजनेस लोन की ब्याज दर की रकम सरकार द्वारा चुकाया जाएगा। इससे यह फायदा होता है कि कारोबारी बेहिचक बिजनेस लोन का लाभ उठाता है और अपने कारोबार का विस्तार करता है और लोन की मूल रकम को चुका देता है।
किसानों के लिए सब्सिडी
भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। यहां की अधिकतर अबादी कृषि आय पर निर्भर है। ऐसे में सरकार द्वारा उर्वरक की खरीद पर सब्सिडी, कैश सब्सिडी, कृषि लोन पर ब्याज माफ़ी सब्सिडी, कृषि कार्य हेतु वाहन खरीद पर और अन्य उपकरण की खरीद पर सब्सीडी प्रदान किया जाता है।
फ़ूड सब्सिडी
सभी के लिए भोजन उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए सस्ते दामों पर खाद्यान्न (चावल, गेहूं, चीनी) मुहैया कराया जाता है। इसे फूड सब्सिडी कहते हैं। यह सुविधा गरीबों को लिए होती है।
तेल/ईंधन सब्सिडी
पहले किरोसीन का तेल 10 रुपये या 12 रुपये लीटर मिलता था। लेकिन उस तेल की वास्तविक कीमत 50 से 60 रुपये लीटर होती है। लेकिन सरकार द्वारा उसपर सब्सिडी दी जाती थी ताकि सभी के घरों में उजाला हो सके। इसी के साथ रसोई गैस पर भी सब्सिडी दी जाती है।
टैक्स सब्सिडी
बड़े उद्योग घरानों से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। तथा उनके सीएसआर फंड से गरीब लोगों का कल्याण किया जाता है। कभी – कभी इन उद्योग घरानों पर बहुत अधिक कर्ज हो जाता है। तो उन्हें कर्ज से उबारने के लिए सरकार उन्हें टैक्स सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है। जिस वर्ष टैक्स सब्सिडी प्रदान किया जाता है, उस वर्ष उद्यमियों को टैक्स के रुप में मामूली राशि जमा करना होता है।
धार्मिक सब्सिडी
इसे इस प्रकार समझें कि हज यात्रा और अमरनाथ यात्रा के लिए लाखों रुपये खर्च होता है लेकिन लाभार्थी को सरकार से आर्थिक सहायता मिल जाती है, जिससे यह खर्च कम हो जाता है। उदाहरण के तौर पर देखें तो वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह घोषणा की गई है कि अमरनाथ यात्रा पर एक लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदेश सरकार द्वारा दी जाएगी।
सब्सिडी देने का उद्देश्य
बहुत साफ उद्देश्य होता है कि इससे सभी का भला हो सके। कतार के प्रथम व्यक्ति से लेकर अंतिम व्यक्ति तक खुशहाली आ सके। औपचारिक तौर पर सब्सिडी प्रदान करने के से देश को निम्नलिखित लाभ मिलता है-
- देश में उत्पादन बढ़ता है- क्रियाशीलता आती है। अगर कोई बिजनेस डूब रहा होता है तो उसके साथ हजारों रोजगार डूब रहे होते हैं। इससे बेरोजगारी बढ़ सकती है। सरकार इसको सब्सिडी के माध्यम से रोकती है।
- सामाजिक कल्याण को बढ़ावा मिलता है- जब सभी को सब्सिडी का लाभ मिलता है तो स्वभाविक तौर से समाज में बराबरी आती है।
- रोज़गार के अवसर पैदा होते है- सब्सिडी पर बिजनेस लोन प्रदान किया जाता है। जिससे अधिक से अधिक कारोबारी बिजनेस का संचालन करने के लिए प्रेरित होते हैं। जब बिजनेस चलता है तो रोजगार का अवसर अपने – आप बढ़ जाता है।
- कमज़ोर वर्ग के लोगों को फ़ायदा होता है- सब्सिडी कार्यक्रम का लाभ आर्थिक और सामाजिक रुप से कमजोर वर्गों को मिलने से उनका कल्याण होता है।
- किसानों को मदद मिलती है – सब्सिडी का जितना लाभ कारोबारियों को मिलता है उतना ही लाभ किसानों को मिलता है। किसानों को सब्सिडी पर उर्वरक मिलता है तथा लोन की ब्याज दर में कटौती हो जाती है, जिससे उनका जीवन आसान हो जाता है। इसके अतिरिक्त किसानों को कृषि उपकरण की खरीद करने पर भी सब्सिडी का लाभ मिलता है जिससे वह असानी से किसानी कर पाने में सक्षम बन पाते हैं।
- कमजोर वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा होता है – उज्जवला योजना न होती तो आज भी हजारों घरों में चुल्हा पर भोजन बन रहा होता और लाखों महिलाओं की आंखें समय से पहले खराब हो जाती। लेकिन उज्जवला योजना में गरीब वर्ग के लोगों को गैस सिलेंडर निशुल्क मिला, यह सब्सिडी कार्यक्रम के तहत ही संभव हो सका।
कुल मिलाकर देखा जाय तो सब्सिडी कार्यक्रम से देश के बहुत सारे लोगो को सहायता मिलती है। एमएसएमई कारोबारियों को अपने बिजनेस का संचालन करने में आसानी होती है, किसानों को किसानी करने में सहायाता मिलती है और उपकरणों की खरीद मुमकिन हो जाती है और लोन भी सस्ता मिल जाता है। इसके साथ ही गरीब वर्ग को लोन भी मुख्य धारा से जुड़ जाते हैं।