इनकम टैक्स फाइल करने का प्रोसेस:
Step 1: इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट ओपन करें।
Step 2: आयकर विभाग की इस वेबसाइट पर अपना एक एकाउंट बनाइए। इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप खुद यह एकाउंट बना सकते हैं। एकाउंट बनाने के लिए आपको PAN नंबर जन्मतिथि (यानी date of birth) बताने की जरूरत होती है। आपका PAN नंबर ही आपका यूजर आईडी बनेगा।
Step 3: अब आपके सामने इनकम टैक्स फाइल करने का दो तरीका मिलेगा: इनकम टैक्स फॉर्म उपलोड करके आयकर भरने का और दूसरा तरीका इनकम टैक्स ई-फाइलिंग का।
Step 4: फॉर्म डाउनलोड उपलोड करने के लिए के वेबसाइट के डाउनलोड सेक्शन में जाकर अपनी कैटेगरी के अनुसार जरूरी फॉर्म डाउनलोड कर लें।
Step 5: डाउनलोड फॉर्म को कंप्यूटर/लैपटॉप में सेव करने के बाद इसे बेहतर तरीके से भर लें। जब यह फॉर्म भर लिया जाए, तो जेनरेट एक्सएमएल (generate XML) के बटन पर क्लिक करें। XML फाइल होने के बाद वेबसाइट दोबारा लॉग-इन करें और इस बार अपलोड एक्सएमएल (upload XML) का बटन दबाएं और XML फाइल को अपलोड कर दें और अंत में सबमिट (submit) पर क्लिक करें।
Step 6: इनकम टैक्स ई-फाइलिंग के लिए वेबसाइट के e-file section पर जाइए। लॉग-इन कीजिए, जो फॉर्म और असेसेमेंट ईयर (आकलन वर्ष) आपके लिए जरूरी है उसे सलेक्ट करके संबंधित जानकारी फॉर्म में भर दें।
Step 7: यह स्पेट आपको सावधानी बरतने के लिए है। इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर फॉर्म सलेक्ट करते समय या सावधानी रखे सलेक्ट किया गया फॉर्म चुना गया फॉर्म आपकी कैटेगरी के मुताबिक ही है।
व्यक्तिगत यानी इन्डिविजुअल (सैलरी), पेंशन इनकम, एक मकान (एक प्रॉपर्टी) से इनकम या अन्य सोर्सो से इनकम (लॉटरी के अलावा) वाले लोगों के मामले में फॉर्म ITR-1, जिसका नाम 'सहज' भी है, सेलेक्ट करना होगा।
धन लाभ यानी पूंजीगत लाभ होने की स्थिति में ITR-2 सेलेक्ट करना होता है। अगर आपके पास एक से अधिक घर है तो फॉर्म ITR-2A सलेक्ट करें। लेकिन यहां यह बात ध्यान देने वाली है कि इस केस में कोई पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) नहीं होना चाहिए। ITR-3, ITR-4, ITR-4S फॉर्म कारोबारियों और प्रोफेशनल्स के लिए है।
ITR-3, ITR-4, ITR-4S फॉर्म कारोबारियों और प्रोफेशनल्स के लिए होता है। कारोबारी अगर कोई बिजनेस लोन ले रखे हैं तो उसका भी विवरण देना जरूरी होता है।
इनकम टैक्स रिटर्न – ITR फाइल करते समय आपके पास यह दस्तावेज होना चाहिए
- पैन कार्ड (PAN CARD)/पैन नंबर
- फॉर्म 16
- बैंक खातों पर मिला संबंधित वित्तवर्ष का कुल ब्याज
- टीडीएस (TDS) संबंधी जानकारी
- सभी तरह के बचत और निवेश संबंधी सबूत
- होम लोन और इंश्योरेंस संबंधी दस्तावेज (यदि कोई है तो)
इसके अवाला जानकारी दे कि आप इनकम टैक्स वेबसाइट से फॉर्म 26AS भी डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म 26AS में अब तक विभिन्न सोर्सो से की गई TDS कटौती का विवरण दर्ज होता है। फॉर्म 26AS का
इस्तेमाल इनकम टैक्स रिटर्न – ITR को वैलिडेट यानी वैध साबित करने के लिए किया जाता है।
जिन लोगों की सालना इनकम 50 लाख रुपये से अधिक होती है उनकों निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए
अपने फॉर्म में दिया गया एक अतिरिक्त कॉलम AL भरना होगा।
AL का अर्थ है - एसैट्स और लायबिलिटीज यानी संम्पति और देनदारी।
इस कॉलम में मुख्य रुप से सभी संपत्तियों का मूल्य और बकाया देनदारियों के बारे में मांगी गई जानकारी देना होता है।
इनकम टैक्स फाइल (Income Tax File) करते हुए इन बातों का बातों का रखे ध्यान
यदि आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल करने वाले हैं, तो ITR फॉर्म सबमिट करने के बाद एक acknowledgement number, यानी एक प्रकार की रसीद जेनरेट होती है इस रसीद को सेव कर के रखना होता है।
यदि कोई व्यक्ति बिना डिजिटल सिग्नेचर के फॉर्म सबमिट कर रहा है, उस स्थिति में ITR-V जेनरेट होगा और यह आपके रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा। ITR-V भी इस बात की रसीद है कि आपका रिटर्न फाइल हो चुका है।
जरूरी सूचना: जो ITR-V जेनरेट होकर आपको मिलता है उसपर पर दस्तखत कर इसे इनकम टैक्स की बेंगलुरू ऑफिस (जहां इनकम टैक्स रिटर्न प्रोसेस होता है) में भेजना होगा। 120 दिन के भीतर दस्तखतशुदा ITR-V संबंधित कार्यालय तक पहुंच जाना चाहिए।
अगर 120 दिन के अंदर आपके द्वारा दस्खत हुए ITR-V फॉर्म इनकम टैक्स ऑफिस बेंगलुरू नही पहुंच पाता है तो इनकम टैक्स रिटर्न- ITR की प्रक्रिया अधूरी मानी जाएगी। ITR-V पेपर भेजने का पता ITR-V पेपर में ही सबसे नीचे लिखा रहता है इसे सिर्फ साधारण डाक से भेजना होता है
अगर आप अपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल को ई-वेरिफाई करना चाहें तो इसको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर वेरीफाई कर सकते हैं।
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