जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त करना
अब एक देश एक कर की व्यवस्था लागू हो गई है। इसे जीएसटी कहा जाता है। जीएसटी का रजिस्ट्रेश कराना सभी बिजनेस के लिए जरुरी है। जीएसटी रजिस्ट्रेशन होने के बाद कारोबारी को जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाता है।
लघु उद्योग या कंपनी के तहत बिजनेस का लाईसेंस प्राप्त करना
सरकार इस बात की जानकारी देने के लिए कि आप किस चीज का बिजनेस कर रहे हैं, बिजनेस का लघु उद्योग या कंपनी के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होता है। आपको अगरबत्ती का बिजनेस (Incense Stick Business) शुरु करने के लिए आरओसी के तहत बिजनेस का रजिस्ट्रेशन कराना होता है।
आकार बड़ा होने पर फैक्ट्री लाईसेंस प्राप्त करना
अगर आपको अगरबत्ती मेकिंग बिजनेस का आकार बड़ा है और व्यापक स्तर पर उत्पादन करना चाहते हैं तो आपको अपने बिजनेस का फैक्ट्री अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होता है सरकार से एनओसी (NOC) भी प्राप्त करना होता है।
ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करना
आपने सब कुछ करा लिया और अगरबत्ती का उत्पादन भी कर लिया लेकिन आपके पास ट्रेड लाइसेंस नहीं है तो आप अपनी बनाई हुई अगरबत्तियों को मार्केट मे बेच नहीं सकते हैं। इसलिए प्रोडक्ट बेचने के लिए आपको ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।
प्रदुषण लाईसेंस प्राप्त करना
प्रदुषण नियंत्रण विभाग से आपको इस बात का प्रमाण लेना होगा कि आपके बिजनेस से प्रदुषण नहीं फैल रहा है।
SSI रजिस्ट्रेशन प्राप्त करना
बिजनेस बड़ा हो या स्माल केटेगरी का, लेकिन एसएसआई रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है।
ESI रजिस्ट्रेशन कराना
अगर आपके बिजनेस में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 10 से अधिक है तो आपको ईएसआई रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
EPF रजिस्ट्रेशन कराना
अगर आपके बिजनेस में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 20 से अधिक है तो आपको ईपीएफ रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
विभिन्न मद में खर्च होने वाले फंड का इंतजाम करना
एक बिजनेस को शुरु करने के लिए कई तरह का फंड चाहिए होता है। कच्चा माल मंगाने के लिए फंड, बिजनेस संचालन करने के लिए वर्किंग कैपिटल, बिजनेस का विस्तार करने के लिए फंड, ट्रांसपोर्टेशन मैनेज करने के लिए फंड और साथ में काम कर रहे कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए फंड। इन सभी खर्चो को पूरा करने के लिए आपके पास पर्याप्त फंड होना चाहिए। कुछ समय बाद आप बिजनेस लोन का भी लाभ उठा सकते हैं।
कच्चा माल जुटाना
मैन्यफैक्चरिंग के बिजनेस में प्रोडक्ट तभी तैयार होता है, जब प्रोडक्ट बनाने के लिए रॉ मैटेरियल होता है। अगरबत्ती बनाने का कच्चा माल थोक बाज़ारों में मिल जाता है। कच्चा माल जो चाहिए होता है, उसका लिस्ट निचे दी गई है जिसे अपने नजदीक थोक मार्केट में पता करके अगरबत्ती बनाने का कच्चा माल ले आना चाहिए।
- जिलेटिन के कागज
- इत्र
- बुरादा
- सुगंधित कैमिकल
- बांस की डंडी
- आवश्यक तेल (चंदन)
- सफेद चिप्स
- पैकिंग सामग्री
- कलर पाउडर
- नरगिस पाउडर
- क्रूड
- चारकोल
- जिकिट
- मशीनरी जुटाना
पहले के समय में अगरबत्ती हाथ से बनती थी। लेकिन, अब अगरबत्ती मेकिंग मशीन आ गई है। जिससे कम समय में अधिक अगरबत्ती बन जाती है। अगरबत्ती बनाने वाली मशीन की कीमत 3 लाख रुपये से शुरु होती है। मशीन का आकार आकार और सुविधा जैसे – जैसे बढ़ती है वैसे – वैसे मशीन की कीमत भी बढ़ जाती है। आप मशीनरी लोन का लाभ उठा सकते हैं।
काम करने वाले लोग हायर करना
अगरबत्ती बनाने के लिए कुछ लोगों की आवश्यकता होती है। अगर आपके घर में 2 से 3 लोग काम करने के लिए हैं तो ठीक है। नहीं तो, कम से कम 2 से 3 लोगों को हायर करना जरुरी होता है।
अगरबत्ती पैकेजिंग करवाना
अगरबत्ती बन जाने के बात बत्ती की पैकेजिंग करना प्राथमिक कार्य होता है। इस कार्य को बेहद सावधानी के साथ करना होता है।
मार्केटिंग और अगरबत्ती सेल करना
सब कुछ हो जाने के बाद फाईनली अब मुनाफा की बारी आती है। इसके लिए कारोबारी को चाहिए कि वह मार्केटिंग रणनिति बनाएं और अगरबत्ती को मार्केट में बेचना शुरु करें। क्योंकि अगरबत्ती बिकेगी तो ही कारोबारी को मुनाफा होगा।
कितना कमाई हो सकती है
अगरबत्ती बनाने का बिजनेस शुरु करने में 4 से 5 लाख रुपये खर्च होता है। अब अगर बात करें कि अगरबत्ती के बिजनेस में कमाई कितना होती है तो आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारत में अगरबत्ती का कुल कारोबार 1000 करोड़ रुपये का है और इस क्षेत्र में करीब 20 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। एक अगरबत्ती का सामान्य पैकेट 5 रुपये का बिकता है। जिस हिसाब से अगरबत्ती बिकेगी, उसी हिसाब से मुनाफा भी होगा।