KYC क्या है और इसे कैसे करें?
आजकल KYC बहुत प्रचलित शब्द हो गया है। आप बैंक जाइए वहां सुनाई देगा, आप लोन के लिए आवेदन करिये आपको KYC शब्द सुनाई देगा। आप किसी भी टेलिकॉम कंपनी का पोस्टपेड कनेक्शन लीजिये वहां पर आपको KYC शब्द सुनाई देगा। लेकिन क्या जानते हैं कि KYC क्या है?
KYC का फुलफॉर्म Know Your Customer होता है। मतलब अपने ग्राहक को जानने का प्रपत्र। केवाईसी एक ग्राहक के बारें में जानकारी देना वाला प्रपत्र होता है। इस प्रपत्र पर ग्राहक अपने बारें में सभी जरूरी जानकारियां लिखकर देता है।
इसे आप बैंकिंग के क्षेत्र में देखें तो हर 6 महीने पर या 1 साल पर बैंक अपने ग्राहकों से केवाईसी फॉर्म भरने के लिए कहता है। इस केवाईसी फॉर्म में अपना नाम, बैंक अकाउंट का नंबर, पैन कार्ड नंबर, आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर और पूरा पता भरना होता है। इस तरह बैंक को ग्राहक की सभी जानकारियां प्राप्त हो जाती है।
ऐसा नहीं है कि बैंक में अकाउंट खुलवाते समय में ये सब जानकारियां नहीं देना होता है। बिल्कुल देना होता है। लेकिन बैंक के तरफ से 6 महीने बाद या 1 साल बाद इसलिए केवाईसी फॉर्म भरवाया जाता है कि अगर इस बीच ग्राहक के व्यक्तिगत सूचना में से कोई सूचना बदली गई होगी, तो केवाईसी फॉर्म के जरिये नई सूचना अपडेट हो जाएगी।
इस तरह बैंक को जरूरत पड़ने पर अपने ग्राहकों से संपर्क करने में किसी तरह की कोई कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। केवाईसी ग्राहक और संबंधित संस्थान दोनों के लिए लाभकारी है। आइये केवाईसी के बारें में विस्तारपूर्वक समझते हैं।